Shorthand आशुलिपि स्टेनोग्राफी - जिन ध्वनि संकेतो द्वारा हम अपने विचार प्रकट करते हैं। उसे लिपि कहते हैं वह माध्यम जिसमे वकता के द्वारा बोले गए शब्द को एक साथ पढ़ा और लिखा जा सके आशुलिपि कहते है। इसे हिन्दी संकेत लिपि या शॉर्टहैंड के नाम से जाना जाता है।
●हिंदी आशुलिपि में संकेतों को लिखने के लिये ज्यामितीय सरल रेखाओं और बक्र रेखाओं का सहारा लिया जाता है। नीचे दिए गए चित्र में shorthand (आशुलिपि) वर्णमाला को दर्शाया गया है।
● Stenography (shorthand) में व्यंजनों को कैसे लिखा जाता है।
व्यंजनों को जोड़ने के कुछ नियम
1. व्यंजनों को मिलते सांइस बात का दायां रखना चाहिये कि कलम कागज से न उठे और जहाँ से पहले व्यंजन का अंत हो वहीं से दूसरा व्यंजन आरम्भ हो जैसे नीचे-
सक टक पक
बग लर या लर
मक घल या घल
पङ टप चग
फट डड झफ
तन टन वग
2.जब दो व्यंजनों को मिलते है तो इस बात का धया रखना चाहिए कि नीचे आने वाला या ऊपर जाने वाला प्रथम अक्षर कपि की रेखा पर हो दूसरे अक्षर लाइन से कही भी जा सकते हे जैसे नीचे चित्र में -
फट डड झफ
तन टन वग
3. क वर्ग के अक्षर तथा म ,न और ङ नीचे उपेराने वाले अक्षर नहीं हैं बल्कि आड़े अक्षर हैं। इसलिये यदि ये अक्षर पहले आते हैं और इनके बाद नीचे आने वाले अक्षर आते है तो रेखा के ऊपर लिखे जाते हैं।
खट मड़ गब
कट मट नप
4.अगर इन अक्षरों के बाद नीचे आने वाले या उपार्जन वाले अक्षर आते बल्कि दूसरे आड़े अक्षर एते हैं तो भी वे रेखा पर से ही आरम्भ होते है
मन नक कन
गन नम मक
5. सरल अक्षर इस तरह दोहराये जाते है जैसे चित्र-
पप टड गघ
जज जझ पब
कक वव हह
But aur janna hai iske bare me
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें
Ask any questions about shorthand