शॉर्टहैंड में 'त' और 'न' का आँकड़ा

'त ' वर्ग



आशुलिपि में गति देने के लिए त  वर्ग दायां और बायां दो रूपों में खुले हुए अर्धवृत्त के रूप में बनाया जाता है।

'त' वर्ग का बायां रूप

त वर्ग बायीं  तरफ से तभी बनाया जायेगा जब त वर्ग अकेला हो और उसकी पुनरावृति हो या इसके साथ व, य, ह  आये हो या इसके बाद च, ट, एवं ज व्यंजन आये हो या 'त' वर्ग से पूर्व अधोगामी व्यंजन च वर्ग , श, ज व्यंजनों को छोड़कर और कोई व्यंजन आये तो ऐसी अवस्था में टी वर्ग का बायां रूप प्रकट होगा।  उदा०-




'त' वर्ग का दायाँ रूप


त वर्ग का दायां रूप प्रकट करने के लिए त वर्ग शब्द के आरम्भ  में हो और बाद में प वर्ग, समतल या ऊर्ध्वगामी र, ल व्यंजन आएं तो त वर्ग का दायां रूप प्रकट होता है। जैसे--



'न' आंकड़े का प्रयोग


जिस तरह किसी व्यंजन  में बाएं से दाहिने तरफ का घुमावदार आंकड़ा लगाने से 'त' बनता है उसी  तरह यदि दाएं से बाएं तरफ घुमावदार आंकड़ा व्यंजन  की सरल रेखा के अंत में लगाया जाये तो 'न' बनता है।


वक्र रेखा यह आंकड़ा उसके अंत में अंदर एक छोटे घुमाव के रूप में लगाया जाता है। इसके और 'त' के आंकड़े में केवल इतना ही अंतर होता है कि 'त' के आंकड़े में एक छोटा सा हल्का लम्बाकार डैस लगा रहता है और 'न' के आंकड़े में कोई डैस नहीं रहता है उदा०-
2.  दन      सन    लन   ------------------ इत्यादि।

क्रिया के अंत में इस आंकड़े का उच्चारण 'ना या ने' और कभी - कभी 'नी' भी मुहावरे के अनुसार होता है । ऊपर चित्र-

3. रखना- ने- नी     लड़ना- ने      मारना- ने     पीटना- ने
रोना- ने        लेना- ने- नी ----------------- इत्यादि।
 संज्ञा के अंत में इस आँकड़े का उच्चारण केवल 'न' का होता है। यदि कोई मात्रा 'न' के पश्चात  तो न आंकड़ा न लिखकर पूरी रेख लिखी जायेगी। 




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