द्विध्वनिक मात्राएँ
किसी किसी शब्द में एक मात्रा और एक स्वर एक साथ आते हैं और उनका स्पष्ट अलग - अलग उच्चारण होता है। ऐसी मात्राएँ और स्वरों को द्विध्वनिक चिन्ह कहते हैं।- आई, आओ,आऊ, ओई, उठा, ईओ आदि।
इन द्विध्वनिक चिन्हों में ज्यादातर पहली मात्रा अधिक आवश्यक होती है। कियोकि पहले आने के कारण उनका बोध होना आवश्यक है।
उसके बाद आने बाला स्वर तो सोचकर भी निकाला जा सकता है। इसलिये यह बताने के लिए की किसी स्थान पर यदि एक मात्र और दूसरा स्वर है, तो एक विशेष चिन्ह से लम लिया जाता है। यह यह चिन्ह दोनों तरफ से ऊपर और नीचे बनाये जाते हैं।
बायाँ द्विध्वनिक मात्रा
बायाँ वाला द्विध्वनिक चिन्ह---
1. पहले स्थान पर 'ऐ' को और उसके पश्चात् ही कोई दूसरे आने वाले स्वर को
सूचित करता है। जैसे--
2. दूसरे स्थान पर 'ए' और 'ओ' को उसके पश्चात् ही आने वाले कोई दुसरे स्वर को सूचित करता है। जैसे;----
4. टेआ तेऊ कौआ पौआ लौआ
3.तीसरे स्थान पर 'इ, ई को और उसके पश्चात् आने वाली कोई दूसरी मात्रा को सूचित करता है।
5. पिया किया सिया
4. टेआ तेऊ कौआ पौआ लौआ
3.तीसरे स्थान पर 'इ, ई को और उसके पश्चात् आने वाली कोई दूसरी मात्रा को सूचित करता है।
5. पिया किया सिया
दायाँ द्विध्वनिक मात्रा
दायाँ वाला द्विध्वनिक चिन्ह---
1. पहले स्थान में 'आ' को और इसके पश्चात् आने वाले कोई भी दुसरे स्वर को सूचित करता है। 'आई' के लिए एक विशेष संकेत पहले ही से निर्धारित किया जा चूका है, इसलिए 'आई' के स्थान पर पहले वाला ही चिन्ह काम में लाना चाहिए ।
जैसे----
6. ताई पाई माई नाई -पर- ताऊ नाऊ
2. दूसरे स्थान पर 'ओ' को और उसके पश्चात् आने वाले कोई दूसरे स्वर को सूचित करता है।
7. कौआ खोआ रोआ सोआ
यदि आप चाहते हैं कि ' रोआ- सोआ' के अलावा 'रोइ और सोई' भी पढ़ा जाये तो आप उसी शब्द को लाइन काट कर लिखिए---
8. रोई सोई
3. तीसरे स्थान पर 'उ, ऊ' को और उसके पश्चात् आने वाले कोई दूसरे स्वर को सूचित करता है।
9. पुआ बुआ सुई रुई
त्रिध्वनिक मात्राएँ
कभी - कभी किसी शब्द में 'एक मात्रा' और 'दो स्वर भी आते है। इनको त्रिध्वनिक मात्राएँ कहते हैं । इनके लिखने का नियम भी द्विध्वनिक मात्राओं की तरह है। फर्क केवल इतना होता है
की त्रिध्वनिक मात्रा के लिए द्विध्वनिक संकेत में एक डैस और लगा दिया जाता है बाकी नियम वही रहता है।
10. लाइये बेआई पिआऊ खाइये
एक टिप्पणी भेजें
Ask any questions about shorthand