जुट शब्द
हिंदी में कुछ जुट शब्द होते हैं जो प्रयोग में तो एक साथ आते है पर अर्थ में बिल्कुल अलग होते हैं जैसे - आदि -अन्त, क्रय- विक्रय आदि । इनको विपरीतार्थक शब्द कहते हैं ।
इनके लिखने का तरीका यह है कि पहला शब्द तो पूरा लिखा जाता है पर दूसरा शब्द न लिखकर उसके पहले व्यंजन से पहले लिखे हुए शब्द को काट देते है। जैसे - यदि आकाश - पाताल लिखना है तो आकाश को पूरा लिखकर सर 'प' से काट देने से वह आकाश - पाताल पढ़ लिया जायेगा। जैसे- नीचे चित्र---
1. आकाश-पाताल जीवन-मरण शत्रु-मित्र
2. स्त्री-पुरुष दिन-रात लाभ-हानि
3.शुभ-अशुभ धर्म-अधर्म न्याय-अन्याय
4.चर-अचर उचित-अनुचित सोच-विचार
5.खेल-कूद झट-पट क्रय-विक्रय
6.जय-पराजय खट-पट क्रय-विक्रय
7.मेल-मिलाप आँधी-पानी सुबह-शाम
8.सुख-दुख हिन्दू-मुस्लिम सुबह-श्याम
4.चर-अचर उचित-अनुचित सोच-विचार
5.खेल-कूद झट-पट क्रय-विक्रय
6.जय-पराजय खट-पट क्रय-विक्रय
7.मेल-मिलाप आँधी-पानी सुबह-शाम
8.सुख-दुख हिन्दू-मुस्लिम सुबह-श्याम
कुछ जुट शब्द ऐसे होते हैं जोकि पहले शब्द में जोर देने के लिए प्रयोग होते हैं और उनके अर्थ में भिन्नता नहीं होती ।जैसे-
धीरे-धीरे ,जल्दी-जल्दी आदि।
धीरे-धीरे थोड़ा-थोड़ा जल्दी-जल्दी बड़े-बड़े
कभी-कभी बीच में कोई विभक्ति या 'ही' आता है तथा विभक्ति के बाद पहला शब्द पुनः आता है। ऐसे स्थान पर यह सूचित करने के लिए कि विभक्ति के बाद शब्द पुनः दोहराया गया है, अगले शब्द से पहले व्यन्जन में एक छोटा सा डैस लगाकर शब्द काट दिया जाता है। कभी -कभी 'का' के लिए 'क' का चिन्ह शब्द के नीचे रख दिया जाता है।
एक टिप्पणी भेजें
Ask any questions about shorthand