साधारण संक्षिप्त संकेत - 1

साधारण संक्षिप्त संकेत - 1



1.अत्याचार            अनुभव           असभ्य
   असम्भव
2.सम्भव                 असंख्य            ध्येय         अनुपस्थित
3.असबाब              आरम्भ       बतौर-नमूना     उपस्थित
4.उधोग-धन्धा           कपड़ा         कदाचित       कदापि
5.क्योंकि                 कहावत       क्रमशः        कम्पनी
6.काफी                  कामयाब    खजांची        खजाना
7.गम्भीर                  ग्रन्थ        ग्रंथकार         गायब



8.गिरफ्तार      गिरफ्तार     चपटा-चौपट    
  चम्मच
9.तकलीफ      चाल-चलन    प्रतिशत           
 प्रत्यक्ष
10.प्रतिद्वन्दिता  पवित्रात्मा  प्रियवर              पालनहार
11.पवित्रताई     पवित्रता      बेवकूफ              
बैकुण्ठ
12.भयानक     भयंकर      भलमानसी      
   भारतवर्ष
13.मधु-मक्खी   मनमाना    संयोग          
   मण्डप
14.रंग-बिरंगा  राम -राम  राजसिंहासन         भारतवर्ष
15.लाभदायक    लिफाफा     बंशावली          
 व्यायाम
16.वाद-विवाद   वादनुवाद   विद्याभ्यास    
    शायद
17. शिष्टचार       सचमुच     सम्मुख         
  समीप
18.अध्याय         कतिपय   प्रधानता        
  सम्बन्ध

अभ्यास

संसार के करीब-करीब सभी लाभदायक वस्तुएं अब भारतवर्ष /में मिलती-है।उधोग-धन्धे में भी अब तक आगे बढ़/ रहा- है ।
यहाँ के कुशल ग्रन्थकार हर-एक विषय-पर / ग्रन्थों को लिखकर प्रकाशित करा-रहे-है। स्त्रियों का आदर्श /भी बहुत
ऊँचा है।वे बड़ी भलिमानस और पवित्रता-/होती- है।
 कुछ ऐसे बेवकूफ भी -हैं  जो भयानक-से/-भयानक काम -करने-में भी शायद न हिचकें। वे किसी/-के खजाने को गायब कर - देना,खजांची को तकलीफ देना,/ किसी पवित्रात्मा की अनुपस्थिति या उपस्थित ही में उसका सारा/ माल असवाब कपडा-लत्ता आदि को उड़ा देना ,मनमाना काम -करना, मधु-मक्खियों के पीछे-पड़ना,अत्याचार करना ही अपना / धर्म समझते हैं।
ऐसे आदमी आरम्भ में चाहे संभव /-असम्भव कार्य करके कामयाब हो लें पर अन्त में गिरफ्तारी से/कदापि नहीं बच-सकते।गिरफ्तार होते-ही-हैं। सुख -दुख/का तो यह अनुभव करते -ही -है पर ऐसे असभ्य/होते-है कि किसी भी समाज में इनका-रखना ठीक/नहीं।

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