साधारण संक्षिप्त संकेत-2

साधारण संक्षिप्त संकेत-2



1.चुपचाप     चुपके-चिपटा     जन्म     अनर्थ
2.जीव-जन्तु     जन्म-स्थान    जायदाद   जीविका
3.झण्डा       झुण्ड     डगमगाना      तबियत
4.तत्पर     तत्काल      दनन्तर       तहकीकात
5.तिरस्कार     थरथर     दण्डवत     दफ्तर
6.दुर्दशा      दुष्टता      दुष्टात्मा     नमस्कार
7.नमूना     नाचरंग      नियमावली     निमन्त्रण


8.निः सन्देह     नौजवान     पंचायत    प्रथम
9.प्रणाम       सहज      स्वयंसेवक     सर्वव्यापी
10. समाचार पत्र   सम्मिलित    स्वयंसेवक  सर्वव्यापी    
11.संक्षेप     सायंकाल    हरिगज     हिम्मतवर
12.होनहार   शक्तिशाली    पूर्ववत     ट्रांसफर
13.छापाखाना   बन्दरगाह   द्रष्टिकोण   पत्रव्योहर
14.वास्तविक   स्वभाविक   अस्वाभाविक वन्देमातरम
15.दृष्टान्त   स्वभावत्     अस्वभाविक  वन्देमातरम
16.प्रचलित   निर्वाचक    निर्वाचन    संवाददाता
17.मनोरंजक  नेस्तानाबूत  विचाराधीन  इश्तिहार
18.स्वरक्षित    आमंत्रण   वायुमण्डल   जन्म -मृत्यु
     
अभ्यास

एक होनहार नवजवान के लिए अपने देश की सेवा -करना/प्रथम कर्तव्य है। सच- तो यह- है कि यदि उसने जन्म-स्थान का झण्डा ऊँचा न-किया उसका/जन्म ही व्यर्थ है । ऐसा कार्य करने में चाहे/सारी जायदाद या जीविका जाती -रहे, पर दृढ़ताको न छोड़ना/-चाहिए । ऐसा -कार्य वे ही कर -सकते-है जो कि /शक्तिशाली और हिम्मतवर हैं ।
किसी दुष्टात्मा को केवल प्रणाम या/दण्डवत करने या उसके सामने थर -थर कांपने से कम नही चलता । इस करने से तो अपनी ही दुर्दशा होगी, वह/तो अपनी दुष्टता से हरिगज न बाज आएगा ।उसके साथ दृढ़ता/और कठोरता का व्यवहार होना चाहिए।


छापेखाने में समाचार-पत्र /तथा इशितिहार आदि सभी चीजें छपती-है। समाचार -पत्रों / खबर भेजने वालों को संवाददता कहते-हैं। ये अपने /दफ्तर को देश का सारा हाल संक्षेप में भेजते है।
किसी-भी द्रष्टिकोण से देखिये भारत -के-लिए एक/ऐसे स्वयंसेवक-दल की बड़ी आवश्यकता-है जो की चुपचाप/परन्तु दृढ़ता के साथ प्रातः कैसे लेकर सांयकाल-तक उसकी/सेवा में तत्पर रहे, चुपके न बैठे। यह गाँवो/में पंचायत कायम करा- सकते -है। उनके फसलों को झुण्ड के झुण्ड /घूमते-हुए जीव-जन्तु से रक्षा कर -सकते -हैं।







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