व्यवस्थापिका सभा
1.स्पीकर डिप्टी-स्पीकर अर्थ मंत्री शिक्षा मंत्रि
2.रेवेन्यू मंत्री माल मंत्री कृषि मंत्री खाघ मंत्री
3.कामरोको प्रस्ताव सेलेक्ट कमेटी ज्वाइंट सेलेक्ट कमेटी
न्याय मंत्री
4.काम स्थगित प्रस्ताव डिपार्टमेन्ट व्यवस्थापिका सभा
धारा सभा
5.सम्मानित सदस्य अर्थ सदस्य न्याय सदस्य
शिक्षा सदस्य
6.स्वायत्त शासन विभाग सिचाई विभाग शिक्षा विभाग
योजना विभाग
7.सचिव मुख्य सचिव मुख्य आयुक्त
चीफ मिनिस्टर
8.प्रान्तीय कौन्सिल प्रान्तीय असेम्बली केंद्रीय असेम्बली
असेम्बली
9. लेजिसलेटिव कौन्सिल लेजिस्लेटिव असेम्बली
सेन्ट्रल लेजिसलेटिव असेम्बली प्रान्तीय लेजिसलेटिव असेम्बली
10. प्रान्तीय लेजिसलेटिव कौन्सिल ट्रेड यूनियन कांग्रेस
ट्रेड यूनियन युनियन कमेटी
अभ्यास-61
भारतीय संसद यानि पार्लियामेन्ट की कार्यवाही दोनों सदनों,लोकसभा/ राज्यसभा की मिली-जुली बैठक में राष्ट्रपति के भाषण/ से आरम्भ की जाती- है।
संसद के प्रधान को स्पीकर या/ अध्यक्ष तथा उप-प्रधान को डिप्टी-स्पीकर या उपाध्यक्ष कहते है ।/ ये अपनी निष्पक्ष नीति द्वारा लोकसभा आदि की/कार्यवाही संचालित -करते -हैं इसी प्रकार प्रान्तों एवं/ राज्यों की विधान-सभा एवं विधान परिषद का भी कार्य संचालन होता-है। संसद सभा के अध्यक्ष प्रस्तावों को उपस्थित करने, का समर्थन / या अनुमोदन करने था आवश्यकता पड़ने पर बहस करने में / पूरा सहयोग प्रदान करते-है। कभी-कभी संशोधन के लिए /प्रस्तावों को सेलेक्ट-कमेटी को सौंप देते हैं। विरोधी- दल /के काम - रोको-प्रस्ताव अथवा काम-स्थगित-प्रस्ताव उपस्थित करने / पर या सभाभवन से उठकर बहार चले- जाने /पर अपने निर्णय से सभा की कार्यवाही चलाते-हैं।
इस-समय / हमारे प्रान्त के विधान सभा के अध्यक्ष माननीय श्री बी० जी० खेर/ हैं तथा मुख्य-मंत्री हैं श्री सम्पूर्णानन्दजी। इसी /तरह अलग-अलग विभाग के अलग-अलग मंत्री है जैसे/न्याय-मंत्री, अर्थ-मंत्री, शिक्षा-मंत्री और रेवेन्यू मंत्री आदि। /लोकल-सेल्फ-डिपार्टमेन्ट यानि स्वायत्त-शासन-विभाग के लिए/भी अलग मंत्री नियुक्त हैं। इन मंत्रियों के अधीन एक-एक / पार्लियामेंट्री-सेक्रेटरी है।
कुछ राज्यों में पार्लियामेंट्री- सेक्रेटरी के/ स्थान पर राज्य-मंत्री या उप- मंत्री भी हैं।
कुछ राज्यों में पार्लियामेंट्री- सेक्रेटरी के/ स्थान पर राज्य-मंत्री या उप- मंत्री भी हैं।
एक टिप्पणी भेजें
Ask any questions about shorthand